रूबरू होने की तो छोड़िये,
गुफ़्तगू से à¤ी क़तराने लगे हैं
ग़ुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी है
सियत पर इतराने लगे हैं
गुफ़्तगू से à¤ी क़तराने लगे हैं
ग़ुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी है
सियत पर इतराने लगे हैं

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